एक होता है छज्जे-छज्जे का प्यार फिर आता है तीरथ (तीर्थ) वाला। अंकही, अनसुनी सिर्फ़ नज़रों-नज़रों में। कहना होता है बहुत कुछ, लेकिन शुरुआत पता नहीं होती, देखना होता है थोड़ी और देर, फिर line आगे बढ़ जाती है। हम जानते है वो हमें देख रही है, छुप-छुप के । अब आप कहेंगे हमें कैसे…
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तो हर्ज़ क्या है? | Poetry
यदि facebook पे ‘Homesick’ स्टैटस डालने मात्र से मन को थोड़ी सी भी शांति मिलती है तो हर्ज़ क्या है? ग़र Insta पे फ़ोटो डालके #Throwback लिखने पर दिल से बुदबुदाहट आती हो तो हर्ज़ क्या है? यदि Snapchat के story में हो ‘missing home’ और आँखों में आँसू की जगह चेहरे पे मुस्कुराहट ही…