एक बात ऐसी है एक रात बीती है दो थे अनजान ये बात ही ऐसी है ना जाने हुआ क्या ना जाने होगा क्या कुछ चाहा था दोनो ने कुछ चाहा है दोनो ने जो था वो अब ना है तो क्या जो चाहिए, वो भी ना ले? झाँका आँखों में एक दूसरे के शायद…
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तीरथ वाला प्यार | Poetry
एक होता है छज्जे-छज्जे का प्यार फिर आता है तीरथ (तीर्थ) वाला। अंकही, अनसुनी सिर्फ़ नज़रों-नज़रों में। कहना होता है बहुत कुछ, लेकिन शुरुआत पता नहीं होती, देखना होता है थोड़ी और देर, फिर line आगे बढ़ जाती है। हम जानते है वो हमें देख रही है, छुप-छुप के । अब आप कहेंगे हमें कैसे…
तो हर्ज़ क्या है? | Poetry
यदि facebook पे ‘Homesick’ स्टैटस डालने मात्र से मन को थोड़ी सी भी शांति मिलती है तो हर्ज़ क्या है? ग़र Insta पे फ़ोटो डालके #Throwback लिखने पर दिल से बुदबुदाहट आती हो तो हर्ज़ क्या है? यदि Snapchat के story में हो ‘missing home’ और आँखों में आँसू की जगह चेहरे पे मुस्कुराहट ही…
आज बारिश में भीगने को मिला।Poetry
महीनों बाद घर आया हूँ माँ ने है मटन बनाया बादल गुर्राए और आज बारिश में भीगने को मिला | कपड़े गंदे होने का डर नही है माँ जो है घर पर डर अगर है तो माँ से डांट का लेकिन उससे क्या होगा? बचपन जीने का एक बहाना मिल जाएगा माँ भी है बड़ी…
#NotSoPoetrySlam; Unexpected Rendezvous
How often does it happen that you visit somewhere where you visit always for its peace and simplicity but find something amazing happening which intrigues you and fascinates you, which makes you long for it? I was at my usual favourite place Indian Coffee House, expecting an usual evening in the usual hustle and bustle…